बीकानेरNidarindia.com जिला पुलिस बड़ी कार्रवाई करते हुए गैंगस्टर रोहित गोदारा गैंग के तीन मुख्य गुर्गों को बुधवार को गिरफ्तार किया है। तीनों बदमाश इनामी व हार्डकोर अपराधी है। पुलिस ने अभियुक्त कमल डेलू, श्रवण सिवर और विजयपाल को गिरफ्तार किया है। इन अपराधियों पर पुलिस मुख्यालय की ओर से एक-एक लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। इस संबंध जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने संवाददाता सम्मेलन में पत्रकारों को बताया कि आरोपी विजयपाल पर महानिरीक्षक रेंज बीकानेर की ओर से 40 हजार रुपए का इनाम वहीं कमल डेलू पर बीकानेर पुलिस ने 25 हजार और जोधपुर पुलिस ने 15 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।

राजू ठेहट की हत्या करवाने के लिए आरोपियों ने हथियार सप्लाई किए थे। राज्य के चार अलग-अलग जिलों में प्रकरण दर्ज है। गिरफ्तार शुदा अभियुक्तों पर प्रदेश के अलग-अलग जिलों में दर्जनों प्रकरण दर्ज है। राजू ठेहट की हत्या के बाद उक्त मुल्जिम पुलिस से बचने के लिए बड़े शातिर तरीके से हाई तकनीक का इस्तेमाल करते थे। इसी तकनीक से वांछित अपराधियों को साइबर सेल ने लगातार आठ महीने तक कड़ी मेहनत कर मुल्जिमों को ट्रेस आउट किया था। वहीं अभियुक्त कमल डेलू पर जोधपुर पुलिस ने 15 हजार रुपाए का इनाम घोषित किया था। पूछताछ में कमज डेलू और श्रवण डेलू व श्रवण सिवर ने स्वीकारा कि लॉरेंस गैंग के सक्रिय सदस्य रोहित गोदारा के कहने पर राजू ठेहट प्रकरण में एके-47 जैसे हथियार सप्लाई किए थे।
यह टीम रही सक्रिय : पुलिस थाना पांचू में आर्म्स एक्ट में वांछित इनामी अपराधी कमल डेलू, श्रवण शिवर व विजयपाल को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने टीम गठन कर उक्त रोहित गोदारा गैंग के गुर्गों की तलाश व गिरफ्तार करने के आदेश दिए थे। यह आरोपी सीकर में हुए राजू ठेहट हत्याकांड में वांछित थे। पुलिस को मिली विश्वनीय सूचना के अनुसार बीकानेर जिले में मर्डर जैसी बड़ी वारदात करने की फिराक में थे। सक्त सूचना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक स्वयं के सुपरविजन में नया शहर पुलिस थाना अधिकारी वेदपाल, बीछवाल थाना प्रभारी महेन्द्रदत, संजयसिंह, थानाधिकारी पुलिस थाना कोतवाली, दीपक यादव हैडकानि, दिलीपसिंह की टीम का गठन किया गया। तीनों आरोपियों को दस्तयाब कर गिरफ्तार करने के आदेश जारी किए।
साइबर सेल रही सक्रिय…

साइबर सेल के दीपक यादव ने टीम के साथ तकनीकी कार्य शुरू किया। जिससे यह तथ्य सामने आए कि उक्त आरोपी हाई तकनीक इन्टरनेट पर फेक एप्लीकेशन का कॉलिंग ऐप से रोहित गोदारा गैंग से जुड़े थे व उक्त इन्टरनेट एप्लीकेशन से किसी भी वारदात की कार्ययोजना बनाते व अंजाम देते।
ऐसे में उक्त हाई तकनीक इंटरनेट पर फेक एप्लीकेशन एप्प के जरिए बदमाशों तक पहुंचने में बीकानेर पुलिस के लिये बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन आठ महीने की कड़ी मेहनत के बाद साइबर सेल ने उक्त आरोपियों का तकनीकी तथ्य प्राप्त किए। उसके आधार पर गठित पुलिस टीम ने अपने मुखबिर तंत्र को सक्रिय किया। टीम ने पूरी मेहनत व लग्न से कार्य करते हुए तीनों आरोपियों के साथ वारदात में शामिल साथियों की सम्पूर्ण जानकारीयां जुटाई और उसके पूर्व में की गई गतिविधियों की सूचना एकत्रित की। उक्त टीम ने बीते कई दिनों से लगातार प्रयास करते हुए कड़ी से कड़ी जोड़ी।
महाराष्ट्र में रहते थे…
साइबर सेल ने आरोपी कमल डेलू, श्रवण सीवर व विजयपाल से नासिक महाराष्ट्र में एक इनपुट ट्रेस किया उक्त इनपुट पर कार्य करने के लिए और आरोपियों को दस्तयाब करने के लिए पुलिस अधीक्षक त्वरित प्रभाव से टीम प्रभारी वेदपाल थानाधिकारी नयाशहर, संजय सिंह थानाधिकारी कोतवाली, दीपक यादव, दिलीपसिंह व श्रीराम को नासिक महाराष्ट्र रवाना किया। उक्त मुल्जिमों की लोकेशन का इनपुट नासिक जिले के भीड़-भाड़ वाली कॉलोनी आवासीय क्षेत्र में आ रही थी।
उक्त कॉलोनी के बारे में जानकारी प्राप्त करने पर कई तथ्य सामने आए कि इस क्षेत्र में देश के अलग अलग शहरों के लोग किराए पर रहते थे। 500 की तादात में फ्लैट और घर थे पुलिस टीम ने बड़ी बारिकी से लगातार चार दिन तक मेहनत करते हुए अलग-अलग हुलिया बनाकर एक एक घर को तस्दीक किया। इस दौरान एक संदिग्ध घर चिन्हित किया व उक्त घर के सामने निर्माणाधीन बिल्डिंग में मजदूरों का हुलिया बनाकर दो दिन तक चिन्हित घर पर नजर रखते हुए संदिग्ध गतिविधियां पुख्ता कर उस घर पर नासिक पुलिस की मदद से दबिश दी गई तो उक्त मुल्जिमों को दस्तयाब किया गया।
मुल्जिम का छुपने व फरारी का तरीका :– मुल्जिम कमल डेलू , श्रवण सिवर व विजयपाल से पूछताछ में सामने आया है कि घटना करने के बाद फरारी के लिए अपना हुलिया व नाम बदलकर भारत व नेपाल में फरारी काटी, भारत में कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, गोवा, पंजाब, पुणे, मुम्बई, नासिक, फलौदी, जोधपुर, बज्जू रणजीतपुरा में हुलिया बदलकर रह रहे थे। काफी दिनों से नासिक में किराए के फ्लैट में फरारी काट रहे थे। अपना हुलिया बदलकर बाल कटवाकर नाम बदलकर एक घर में रह रहे थे। पुलिस से बचने के लिए पूरे दिन घर में छुपे रहते थे। उक्त बदमाशों को पकडऩे के लिए पुलिस ने भी अपना हुलिया बदलकर उक्त कॉलोनी में एक-एक घर चिन्हित कर मुल्जिमों को पकडऩे में सफलता प्राप्त की।

