नहरबंदी में कारगर रही माइक्रो प्लानिंग, नहीं हुई परेशानी, मौसम को देखते हुए मितव्ययता से खर्चे पानी... - Nidar India

नहरबंदी में कारगर रही माइक्रो प्लानिंग, नहीं हुई परेशानी, मौसम को देखते हुए मितव्ययता से खर्चे पानी…

बीकानेरNidarindia.com साठ दिनों की नहरबंदी अब खत्म हो चुकी है। नियमित पेयजल वितरण के साथ ही व्यवस्थाएं सुचारू हो जाएगी। बावजूद इसके जलदाय विभाग ने इस मौसम को देखते हुए पानी का खर्च मितव्ययता से करने का आह्वान किया हैं।

अधीक्षण अभियंता राजेश पुरोहित ने बताया कि नहरबंदी के बाद बीकानेर शहर में शोभासर से जुड़े क्षेत्रों में नियमित जलापूर्ति गुरुवार से शुरू कर दी गई। वहीं बीछवाल झील से जुड़े क्षेत्रों में शुक्रवार से नियमित जलापूर्ति हो जाएगी।

अधीक्षण अभियंता ने गर्मी के मौसम को देखते हुए आगामी कुछ समय पर पेयजल का उपयोग मितव्ययता से करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि लिकेज अथवा व्यर्थ बहने जैसी समस्या के लिए विभाग के जिला स्तरीय नियत्रंण कक्ष के दूरभाष 0151-2226454 पर सूचना दी जा सकती है।

माइक्रो प्लानिंग का मिला फायदा…

जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल के निर्देशानुसार नहरबंदी से पूर्व की गई माइक्रो प्लानिंग की कारगर साबित हुई। यही वजह है कि पेयजल उपलब्धता को लेकर जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हुई।

जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता ने बताया कि नहरबंदी से जिले के दो शहर और 535 गांव प्रभावित रहे। इन गांवों में पेयजल व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला कलक्टर के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में माइक्रो लेवल कमेटियां बनाई गई। इस कमेटी में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी और बीट कांस्टेबल को शामिल किया गया। उपखण्ड स्तर पर भी रेपिड रेसपोंस टीमों का गठन किया गया। इनमें उपखण्ड अधिकारी की अध्यक्षता में नियमित रूप से पेयजल उपलब्धता और वितरण पर निगरानी रखी गई।

उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में डिग्गियों के आसपास पेयजल योजनाओं पर नए सेलो नलकूपों का निर्माण किया गया। ताकि नहरबंदी के दौरान भी जलापूर्ति होती रही। इसी प्रकार शहरी क्षेत्र में भी अतिरिक्त नलकूप बनाए गए, जो नहरबंदी के दौरान उपयोगी साबित हुए। पेयजल सप्लाई के दौरान अंतिम छोर तक पानी पहुंचे, इसके मद्देनजर सप्लाई के दौरान विद्युत कटौती की गई। इसके बावजूद पेयजल नहीं पहुंच सकने वाले स्थानों पर टैंकर से जलापूर्ति की गई। टैंकर की दरें निर्धारित की गई और इन पर नियमित नजर रखी गई।

साथ ही जिला कलक्टर के निर्देशानुसार अवैध कनेक्शन चिन्हित किए गए। अब तक 272 अवैध कनेक्शन काटे जा चुके हैं। बूस्टर पर भी कार्यवाही गई। लगभग 60 बूस्टर जब्त किए। इसके लिए आमजन में भी जागृति के प्रयास किए गए। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया तथा इस पर आने वाली शिकायतों की त्वरित कार्यवाही की गई।

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