बीकानेरNidarindia.com प्रिय पाठकों यह बताते हुए आज हर्ष हो रहा है कि आपका अपना न्यूज पोर्टल ‘निडर इंडिया’ ने आज अपना सफलतम एक वर्ष पूरा कर लिया है। इस सफर में कई चुनौतियां आई। उतार-चढ़ाव के कई दौर से गुजरे। लेकिन एक संकल्प के साथ आज के दिन जिस पौधे को लगाया था, वो एक साल का हो गया है।
इसमें पाठकों और सहयोगियों की अहम भूमिका रही है, जो यहां तक पहुंच पाए। इसके लिए उनका साधुवाद। मैंने पत्रकारिता के क्षेत्र में अपना सफर 1996 में ‘दैनिक लोकमत’ से विधिवत शुरू किया था। इसके बाद तो पीछे मुडक़र नहीं देखा, उस समय का वो जूनुन ऐसा था कि आगे से आगे पायदन पर चढ़ता गया। वर्ष 2020 तक प्रिंट मीडिया के क्षेत्र में सक्रियता के काम किया, इस बीच अहम समाचार पत्रों में लंबे समय तक काम करने आवसर भी प्राप्त हुआ। जहां से इस क्षेत्र की बारिकियां सीखने को मिली, तो कई कड़वे अनुभव भी रहे। हलांकि वहां के अनुभव, मेहनत के बाद वर्ष 2022 तक पहुंचते-पहुंचतेे एक परिकल्पना को साकार रूप दे पाया, जिसका परिणाम है कि आज ‘निडर इंडिया’ ने एक साल का सफर भी तय कर लिया है।
मिला है हर समय सहयोग…
आज निडर इंडिया का एक साल पूरा होने के अवसर पर इस बात का जिक्र करना जरूरी है कि कोरोना काल में जब बुरा दौर शुरू हुआ, तो हमारे वरिष्ठ साथी, बड़े भाई और वरिष्ठ पत्रकार सुरेश बोड़ा जिन्होंने अपने साथ काम करने का अवसर दिया, जिससे बुरे वक्त में भी आगे बढऩे का हौसला मिला, यही वजह है कि आज मैं इस मुकाम पर पहुंच पाया।
वहीं कई ऐसे साथी भी रहे जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से भी पूरा सहयोग और समर्थन दिया। जिन्होंने ‘निडर इंडिया’ के संचालन में तकनीकी रूप से सहयोग किया उनका भी तहदिल से आभार जताता हूं और उम्मीद करता हूं आगे भी इसी तरह से सहयोग मिलता रहेगा। वहीं आशीर्वाद रूपी समर्थन पाठकों से भी मिलता रहे, ऐसी आशा करता हूं।
मैं अपनी बात को ख्यातिनाम कवि हरिवंश राय बच्चन की इन पंक्तियों के साथ विराम देता हूं, जो चुनौतियों के पथ पर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करती है। खासकर पत्रकारिता के इस क्षेत्र में यह साकार होती है।
‘वृक्ष हों भले खड़े,
हों घने हों बड़े,
एक पत्र छांह भी,
मांग मत, मांग मत, मांग मत,
अग्निपथ अग्निपथ अग्निपथ…
रमेश बिस्सा, सम्पादक निडर इंडिया