बीकानेरNidarIndia.com गुम हुए मोबाइल वापस उसके मालिक को मिला तो चेहरा खिल उठा। जिला पुलिस की साइबर सेल के प्रयास रंग लाए। पुलिस ने अभियान ‘फिर से खुशी’ चलाकर ऐसे 125 मोबाइल जब्त कर उनके मालिकों को लौटाएं है।
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पूरे मामले को लेकर शुक्रवार को जिला पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम पत्रकारों से रूबरू हुई। उन्होंने बताया कि बीते दिनों में जिन लोगों के मोबाइल गुम हुए थे, उनकी कीमत करीब ३८ लाख आंकी जा रही है। इनमें अधिकांश बुर्जुग, महिलाएं और मजदूर वर्ग के लोग है जिनके मोबाइल गुम हो गए थे।
जिला पुलिस अधीक्षक बीकानेर तेजस्वनी गौतम ने बताया कि जिले में कई लोगों के मोबाइल गुम होने की सूचना फरियादियों ने ऑनलाईन पुलिस पोर्टल पर दर्ज की थी। इसके बाद साइबर सेल को भी सूचित किया गया, फरियादियों में से ज्यादातर साधारण परिवार से थे, उनमें से ज्यादातर लोग ऐसे थे जिन्होने बड़ी मुश्किल से किस्तों पर मोबाइल खरीदा था । इसके बाद जिला पुलिस अधीक्षक की ओर से फरियादियों के चेहरे पर ‘फिर से खुशी लाने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हरिशंकर के निर्देशन में साइबर सेल कार्यालय को गुमशुदा मोबाइलों को ट्रेस करने के लिए निर्देश दिए।
इसके बाद साइबर सेल कार्यालय हाजा ने विशेष अभियान ‘फिर से खुशी के तहत वर्ष 2022-23 से अब तक गुम हुए 200 मोबाइल को सर्च करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर हरिशंकर के निर्देशन में एक विशेष टीम का गठन किया गया इसमें साइबर सेल के दीपक यादव हैडकानि के नेतृत्व में दिलीप सिंह हैडकानि,श्रीराम कानि, महेन्द्र कानि , राजूराम कानि, बाबूलाल कानि,गोविन्द कानि, देवन्द्र कानि, सूर्यप्रकाश कानि ने जिले में मोबाइल सेवा प्रदाता कम्पनियों से तकनीकी सूचना प्राप्त कर राजस्थान के अलग-अलग जिलों में चल रहे गुमशुदा मोबाइलों को ट्रेस कर बरामद किए गए। उक्त बरामद-शुदा मोबाइलों की कीमत औसतन प्रति मोबाइल 25 हजार से 75 हजार रुपए तक है।
इस वर्ग के थे मोबाइल…
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बरामद किए गए मोबाइल बुजुर्ग, महिलाएं, मजदूरी करने वाले श्रमिक, खेती करने वाले, पढऩे वाले विद्यार्थियों व सरकारी और निजी कर्मचारियों के थे, इन्हे इनके मोबाइल साइबर सेल बीकानेर कार्यालय से पुन: वापस दिलाए गए, तो उनके चेहरे खिल उठे।
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