बीकानेरNidarIndia.com अंत्योदय नगर स्थित रमेश इंग्लिश स्कूल में चल रहे तीन दिवसी चिल्ड्रन लिटरेचर एंड कल्चर फेस्टिवल का रविवार को समापन हुआ। इस दौरान ख्यातिनाम संगीतकार जोड़ी अली-गनी ने अपनी प्रस्तुतियों से रंग जमा दिया। वहीं बच्चों ने भी अपनी गीत-संगीत सहित प्रतिभा का प्रदर्शन कर सभी को मंत्रमुग्द कर दिया। कार्यक्रम में करीब तीन सौ से ज्यादा बच्चे शास्त्रीय संगीत से रूबरू हुए। इस दौरान बीकानेर के बाल कलाकार चैतन्य सहल को सीएलएफ अवार्ड से नवाजा गया।

अंतिम दिन बच्चों ने ड्रामा और ड्राइंग में खास रुचि ली। जोधपुर से आए आशीष देव चारण ने एक नाटक ‘ओळख’ का मंचन हुआ। इसमें बच्चों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता दिलाने के लिए बच्चों के स्तर पर आंदोलन शुरू करवाने की बात कही। हरीश बी. शर्मा के लिखे इस नाटक का मंचन एनएसडी से प्रशिक्षित राहुल बोडा के सह निर्देशन में हुआ। ठेढ मारवाड़ी भाषा बोलते हुए बच्चों ने बहुत ही जबर्दस्त प्रस्तुति दी। ये नाटक बच्चों ने पिछले तीन दिनों में ही तैयार किया। इसके अलावा जयपुर से आए गगन मिश्रा ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से स्टूडेंट्स का नाटक करवाया। इस नाटक के दौरान एक साथ सौ से ज्यादा स्टूडेंट्स मंच पर नजर आए।
नृत्यांगना वीणा जोशी और आचार्य राजेंद्र जोशी के नेतृत्व में भी बच्चों ने कथक और संतुर वादन सीखा। एक बालिका ने इस दौरान मंच पर अपनी प्रस्तुति भी दी। सोजत पाली से आए बच्चों ने ढोलक और हारमोनियम पर संगत दी। इन बच्चों ने दूसरे बच्चों को भी सिखाया कि हारमोनियम बजता कैसे हैं?

चैतन्य को सीएलएफ अवार्ड…
बीकानेर के बाल कलाकार चैतन्य सहल को इस दौरान सीएलएफ अवार्ड दिया गया। सहल को नोखा के विवेकानन्द एकेडमी के अनूप रंगा ने ग्यारह हजार रुपए और ट्रॉफी भेंट की। संगीत नाटक अकादमी के उपाध्यक्ष अर्जुनदेव चारण, साहित्यकार मधु आचार्य, बॉलीवुड हस्ती अली-गनी, रमेश इंग्लिश स्कूल के अध्यक्ष आनन्द हर्ष, प्रिंसिपल सेणुका हर्ष ने अवार्ड दिया।
कहानी और कविता भी सुनाई…
इन तीनों में बच्चों ने कविता और कहानी के जिन सत्रों में हिस्सा लिया, उसी आधार पर अपनी कविताएं भी सुनाई। नौंवी कक्षा के विद्यार्थी ललित मोहन व्यास ने जीवन की पहली कहानी लिखी और उसका वाचन भी किया। ऐसे ही कई बच्चों ने कविताएं भी सुनाई। जोधपुर से आए कार्तिक बोहरा ने अपनी कविता का पाठ किया। उदयपुर से आई हितिका पालीवाल ने एक बार फिर अपनी कहानी का परिचय दिया।
इस दौरान बच्चों को जीवन में कुछ करने की सीख भी दी गई। बाफना स्कूल के सीईईओ और आर्थिक विश्लेषक पी.एस. वोहरा ने कहा कि जीवन में बड़ा सपना देखने की जरूरत है। जब तक बड़ा नहीं देखेंगे, तब तक बड़ा बना नहीं जा सकता। अंग्रेजी गुरु के रूप में विख्यात किशोर सिंह राजपुरोहित ने बच्चों से कहा कि अपनी भाषा को छोडऩा नहीं चाहिए।

