बीकानेरNidarIndia.com सीएम गहलोत की ओर से प्रस्तुत अपने इस कार्यकाल के अंतिम राज्य बजट को भारतीय जनता पार्टी ने नकार दिया है।
महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा कि प्रदेश के विकास से जुड़े सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज को सदन में प्रस्तुत करने में मुखिया ने बरती गई लापरवाही स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि प्रदेश के विकास को लेकर कितने गंभीर है। जो दस्तावेज न संभाल पाए वो प्रदेश कैसे संभालेंगे, यह बजट विजऩ के स्थान पर हवाई और पूर्व में की गई किसान कर्जमाफी की घोषणाओं की तरह खोखला है।
केवल 50 यूनिट अतिरिक्त विद्युत निशुल्क करने से ही सरकार पर 7000 करोड़ का वित्तीय भार बढ़ेगा। चुनाव को देखते हुए अशोक गहलोत ने जनता,युवा,किसान भाइयों,महिलाओं हर वर्ग से झूठे वादे किए हैं, जो किसी भी रूप में पूरे किए जाने संभव नहीं है। बीकानेर शहर की बात करें तो शहर के हिस्से कुछ नहीं आया। यहां तो 3 केबिनेट मंत्री और 3 राज्य मंत्री होने का नुकसान ही हुआ है। पूरे बजट का विश्लेषण करेंगे तो शायद बीकानेर को विशेष रूप से दरकिनार किया गया है। स्थानीय मंत्रियों की नाकामी का नतीजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
झूठी घोषणाओं का पिटारा : शेखावत
भाजपा नेता और बजट बीकानेर टीम के जिला संयोजक डॉ.सुरेंद्रसिंह ने कहा है कि जिले से तीन मंत्री होने के बावजूद बीकानेर के लिए तीन ढंग की घोषणा नहीं करा पाए। बजट ने बीकानेरवासियो को निराश किया है। बजट में बीकानेर के रेल फाटकों के समाधान का कोई जिक्र नहीं है, ना हाईकोर्ट बेंच है, ना ड्राई पोर्ट है , ना ही कोई आधारभूत ढांचे के विकास की बात।
डॉ.सिंह ने कहा कि बजट झूठ का पुलिंदा मात्र है। मुख्यमंत्री ने चुनावी घोषणाओं की तरह बजट घोषणा कर दी है, यह धरातल पर कैसे उतरेगा इसका कोई जिक्र बजट में नहीं है।