राजस्थान : नहरबंदी 28 मार्च से प्रस्तावित, नहीं हो पेयजल संकट, इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दिए पुख्ता तैयारी के निर्देश... - Nidar India

राजस्थान : नहरबंदी 28 मार्च से प्रस्तावित, नहीं हो पेयजल संकट, इसके लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव ने दिए पुख्ता तैयारी के निर्देश…

जयपुरNidarIndia.com प्रदेश में इसबार नहरबंदी 28 मार्च से प्रस्तावित है। ऐसे में पेयजल को लेकर संकट नहीं हो, इसके लिए तैयारियां अभी से करने के निर्देश जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ.सुबोध अग्रवाल ने जारी किए हैं।

अग्रवाल ने नहरबंदी के दौरान पेयजल स्टोरेज एवं टेल एण्ड तक पानी उपलब्ध कराने की कार्ययोजना पहले से ही तैयार कर अभी से पुख्ता तैयारी करने के अधिकारियों को कहा है।

डॉ. अग्रवाल मंगलवार को जल भवन में विभाग की पेयजल योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रस्तावित नहरबंदी के दौरान प्रभावित होने वाले 10 जिलों बीकानेर, बाड़मेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर, सीकर एवं झुंझुनूं में पर्याप्त पेयजल आपूर्ति के लिए तैयारियां करने को कहा। साथ ही, पेयजल के स्टोरेज के लिए जलाशयों एवं डिग्गियों में अतिरिक्त पानी रखने, वैकल्पिक जल भण्डारण और जल प्रवाह के दौरान संवेदनशील हैड वर्क्स पर पानी की चोरी रोकने के लिए प्रशासन की मदद से पुख्ता इंतजाम करने के भी निर्देश दिए।

इस अवधि में है प्रस्तावित नहरबंदी…

गौरतलब है कि जल संसाधन विभाग की ओर से 28 मार्च से 26 अप्रेल तक पहले 30 दिन तक आंशिक नहरबंदी एवं इसके बाद पूरे एक माह के लिए पूर्ण नहरबंदी प्रस्तावित है। नहरबंदी के दौरान इन दस जिलों के 49 शहरों एवं करीब 7500 गांवों में पेयजल व्यवस्था का प्रबंधन किया जाना है। बीकानेर जिले में पेयजल व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए 21 कार्यों के लिए 9 करोड़ 40 लाख रूपए और श्रीगंगानगर में शहरी क्षेत्र के लिए 11 कार्यों के लिए 1 करोड़ 58 लाख रूपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति जारी की जा चुकी हैं।

टंकियों की सफाई कार्य में लाएं तेजी…

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने राज्य की विभिन्न जल प्रदाय योजनाओं पर स्थापित जलाशयों को साफ करने के कार्यों में तेजी लाने और तय समय में टंकियों की सफाई करने के निर्देश दिए, ताकि आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। भूतल, स्वच्छ एवं उच्च तीनों प्रकार के जलाशयों की सफाई में भरतपुर की प्रगति सबसे कम होने पर उन्होंने संबंधित अभियंता को कार्य में तेजी लाने को कहा। उन्होंने उच्च जलाशयों की सफाई हर छह माह में तय समय पर सुनिश्चित करने को कहा और इसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग करने के भी निर्देश दिए।

अवैध कनेक्शन हटाने के मामले में ना बरतें रियायत…

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि फील्ड अभियंता अवैध कनेक्शन हटाने के मामले में कोई रियायत नहीं बरतें। उन्होंने आगामी ग्रीष्म ऋतु से पहले ही प्राथमिकता से अवैध कनेक्शन हटाने के निर्देश दिए। अधिकारियों ने बताया कि 1 अप्रेल 2022 से 3 जनवरी 2023 तक 11 हजार 665 अवैध जल संबंध हटाए गए और 1836 जल संबंधों को नियमित किया गया। इनमें अजमेर में 2110, नागौर में 2112, जयपुर में 1918, अलवर में 1378 एवं बीकानेर में 703 अवैध कनेक्शन हटाए गए। इस अवधि में करीब 642 अवैध बूस्टर्स भी जब्त किए गए। इनमें सबसे ज्यादा 377 जयपुर में जब्त किए गए। जयपुर में सर्वाधिक करीब 642 किमी पुरानी एवं क्षतिग्रस्त पाइप लाइन चिन्हित की गई है जिसे बदलने का कार्य शुरू हो गया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विधानसभा से संबंधित समस्त लंबित प्रकरणों का समाधान प्राथमिकता के साथ कर जवाब विधानसभा को भिजवाने के निर्देश दिए। साथ ही, ट्यूबवैल के लंबित विद्युत कनेक्शन संबंधी मुद्दों पर डिस्कॉम्स के प्रबंध निदेशकों से समन्वय स्थापित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अंतर्विभागीय प्रकरणों, वीआईपी पत्रों, राजस्थान संपर्क पोर्टल पर लंबित प्रकरणों, अधिकारियों के दौरे, हैण्डपंप-ट्यूबवैल स्थापना, विभागीय जांच के लंबित प्रकरणों आदि की भी समीक्षा की।

बैठक में एमडी जल जीवन मिशन अविचल चतुर्वेदी, संयुक्त सचिव रामप्रकाश सहित प्रदेश भर के पीएचईडी रीजन एवं प्रोजेक्ट्स से जुड़े अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, अधिशाषी अभियंता उपस्थित रहे।

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