राजस्थान : देरी से आ रही है सर्दी, रबी की फसलों पर हो रहा विपरित असर, कब तेज होंगे सर्दी के तेवर, क्या कहते है कृषि जानकार, पढ़े पूरी खबर... - Nidar India

राजस्थान : देरी से आ रही है सर्दी, रबी की फसलों पर हो रहा विपरित असर, कब तेज होंगे सर्दी के तेवर, क्या कहते है कृषि जानकार, पढ़े पूरी खबर…

by-Ramesh Bissa

बीकानेरNidarIndia.com दिसंबर का महिना चल रहा है, इसके बावजूद इस बार अब तक सर्दी के तेवर कमजोर है। हलांकि आमजन पर इसका खास असर नहीं है, लेकिन बात यदि सर्दी के मौसम की फसलों की करें, तो सर्दी के आने में हो रही देरी का विपरित असर रबी की फसलों पर पड़ रहा है।

कृषि सलाहकारों के अनुसार इन फसलों को तेज सर्दी की दरकार है, जिसमें तापमान करीब 10-15 डिग्री तक हो, उस मौसम इन फसलों की बढ़वार गति पकड़ सकेगी, मगर इन दिनों विपरित समय चल रहा है, वर्तमान में तापमान 20-25 डिग्री तक चल रहा है, दोपहर में तल्ख धूप के कारण रबी की फसलों की बढ़वार प्रभावित हो रही है। इसके चलते सरसो सहित फसलों में कीड़े लगने की आशंका भी बढ़ती जा रही है।

यह है रबी की फसलें…

बीकानेर संभाग की बात करें तो यहां पर सरसों, गेहूं, जौं,जीरा, धनिया सहित सर्दी में बढ़वार पकडऩे वाली रबी की फसलें है, जिनकी बुआई होने के बाद अब बढ़वार होने का समय है, मगर इसके लिए ठंड़ (तापमान में गिरावट) की आवश्यकता है।

अंतिम दिनों में दिखा सकती है सर्दी अपने तेवर…

मौसम विभाग की माने तो प्रदेश में साल के अंतिम दिनों में मौसम पलटा खा सकता है, खासकर सर्दी अपने तीखे तेवर दिखा सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि इस माह के अंतिम दिनों में तापमान में गिरावट आ सकती है, जिससे ठिठुरन बढ़ेगी।

इसका मुख्य कारण पश्चिमी विक्षोभ को माना जा रहा है, जो उत्तर भारत में सक्रिय हो सकता है। इस कारण बारिश के साथ हिमपात की संभावना बढ़ जाएगी। खासकर राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश में तेज सर्दी का दौर शुरू हो सकता है। गौरतलब है कि अभी तक इस दिसंबर माह में सर्दी परवान नहीं चढ़ी है। इसका विपरित असर फसलों पर भी पड़ रहा है।

क्या कहते है कृषि सलाहकार…

इस मौसम में रबी की फसल है, जिसकी बढ़वार होने का समय है। लेकिन इस बार अब तक सर्दी के तेवर कमजोर है, यही वजह है कि जितनी बढ़वार सरसों, गेहूं, जीरा सहित अन्य फसलों में होनी चाहिए वो नहीं हो पा रही है। इन फसलों को तेज सर्दी से एक तरह से प्राणवायु मिल जाएगी, साथ ही कीड़े व अन्य बीमारियां भी इन फसलों से नष्ट हो जाएगी।

डॉ.इंद्र मोहन वर्मा, वरिष्ठ कृषि विशेषज्ञ सलाहकार, बीकानेर

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