बीकानेरNidarIndia.com स्वतंत्रता सेनानी पं दाऊदयाल आचार्य स्मृति प्रन्यास की ओर से किराडूओं की बगेची में गुरुवार को पं.दाऊदयाल आचार्य के जन्म शताब्दी वर्ष समारोह में वैश्विक परिपेक्ष्य में भारत की बढ़ती भूमिका विषय पर संगोष्ठी आयोजित की गई। केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि आज जब पूरा विश्व तरह-तरह की समस्याओं से जूझ रहा है तब भारत अपने मूल मंत्र वसुधैव कुटुंबकम को लेकर सर्वत्र शांति और समृद्धि के लिए प्रयासरत है।

परिणामस्वरूप दुनिया के कई देश हमें न केवल शांतिदूत मानते हैं, बल्कि वे अपनी जटिल समस्याओं के लिए हमारी ओर देख भी रहे हैं। भारत की इसी भूमिका के परिप्रेक्ष्य में आतंकवाद नियंत्रण एक अहम मुद्दा है। भारत आतंकवाद पर जीरो टालरेंस की अपनी नीति पर न सिर्फ कायम है, बल्कि बदलते वैश्विक परिवेश में आतंकवाद का खात्मा उसकी प्राथमिकताओं में से एक है।
मेघवाल ने कहा कि प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण से निर्देशित, भारत की विदेश नीति वैश्विक मंच पर नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए विकसित हो रही है। उन्होनें कहा कि लोग वर्तमान परिपेक्ष में ही विचार करते हैं जबकि आज वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सोचने की जरूरत है, क्योंकि सभी देश एक- दूसरे से जुड़े हुए हैं। उन्होनें कहा कि आज की वैश्विक स्थिति में भारत के पास अनेक अवसर मौजूद है। पूर्व न्यायाधिपति देवनारायण थानवी ने कहा कि आजादी से पहले और आज के भारत में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है।

नये विश्व के निर्माण में भारत के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता। महापौर सुशीला कंवर ने कहा कि बीकानेरवासियों को भारतीय होने का गौरव दिलाने के लिए दाऊदयाल आचार्य के योगदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता। अध्यक्षता करते हुए पं.जुगल किशोर ओझा ने भारत को आध्यामिक गुर कहते हुए कहा कि विषय परिस्थितियों में हम कैसे उबर सकते है। विजय आचार्य ने विषय पर प्रकाश डाला, बनवारी लाल शर्मा ने आचार्य के जीवन दर्शन पर प्रकाश डाला। अविनाश चंद व्यास ने सभी का आभार जताया। संचालन संजय पुरोहित ने किया।

