कोलकाता.बीकानेरNidarIndia.com भारतीय संस्कृति संसद कोलकाता के तत्वावधान में शनिवार को धर्मतल्ला स्थित संस्थान के परिसर में हवेली संगीत संध्या का आयोजन किया गया। इसमें बीकानेर के हवेली गायक पंडित नारायण रंगा ने पुष्टिमार्गी हवेली संगीत पद व राजस्थानी लोक भजनों की दमदार प्रस्तुति दी। हवेली संगीत घराने की परम्परा की छाप छोड़ते हुए कलाकार ने स्वरों से समां बांध दिया, श्रोताओं ने जमकर दाद देकर कलाकार की हौंसलाफजाई की।
पंडित रंगा ने सूरदास के पद से किया आगाज…
कलाकार ने ‘चरण कमल बन्दों हरि राई,(सूरदास), हमारो अम्बर देहों मुरारी…,नंदलाल सों मेरो मन मान्यो…, मैं अपनों मन हरि सों जोर्यो हरि सों जोर सबन सों तोर्यो…अष्टछाप कवि,सूरदास,परमानंद दास,नंददास,जैसे कवियों द्वारा रचित पदों पुष्टिमार्गी पदों के गायन से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
हवेली संगीत परंपरा को कायम रखने का उद्देश्य…
संस्था के अध्यक्ष डॉ.बिट्ठलदास मंूधडा के अनुसार नाथद्वारा के पुष्टिमार्गीय भक्तों की ओर से मंदिरों में गाए जाने वाले भजन और कीर्तन की समृद्ध ऐतिहासिक परम्परा को हवेली संगीत के नाम से जाना जाता है। इसी संगीत की परम्परा कायम रहे। इसी उद्देश्य से इस तरह की संध्या का आयोजन किया गया था, सचिव विजय झुनझुनवाला और राजेश दुगड सहित अतिथियों और पदाधिकारियों ने कलाकारों का सम्मान किया, आए श्रोताओं का अभार जताया।