-भैरवाष्टमी पर्व की रही बीकानेर में धूम, गली-गली में हुए पूजन-अभिषेक, दिनभर हुए भैरव पाठ के अनुष्ठान, महाआरती के बाद भंडारे के आयोजन, भजनों की बही सरिता, घरों में भी हुई पूजा-अर्चना….
बीकानेरNidarIndia.com ‘जाग-जाग रे मतवाला भैरूं, थारी मनोहर गाऊ रे, चकमक करतो बण्यो चूरमो, ऊपर मदिरा री धार, चेलकियों री सहाय करें बाबो…भैरवनाथ के भजन की यह पंक्तियां बुधवार को बीकानेर में साकार हो उठी। गली-मोहल्ले में इसी तरह की करतल ध्वनि की गूंज रही।




मौका था इष्ट देवता बाबा भैरवनाथ के प्राकट्य दिवस, भैरवाष्टमी का। पर्व को मनाने के लिए पूरा शहर उमड पडा। आस्थावान लोगों ने बाबा भैरवनाथ का तेलाभिषेक किया, वर्क, मालीपाना, वेलवेट से तैयार की गई विशेष पौशाखों से शृंगार करने के बाद पूजन किया। शाम को आरती के बाद बाबा के छप्पन भोग का प्रसाद लगाया, कई स्थानों पर भंडारे हुए, जिसमें बडी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। भक्ति संगीत संध्या की धूम रही, कहीं डेहरू भजन, तो कहीं भैरवनाथ के पारम्परिक भजनों की गूंज रही।
भैरवाष्टमी को लेकर सुबह से उत्साह रहा, मंदिरों में भैरव प्रतिमाओं का तेलाभिषेक, पंचामत अभिषेक हुए, कोडमदेसर में मध्य रात्रि के बाद पंचामत से अभिषेक बाद पूजन शुरू हुआ, इसमें बडी संख्या में शहर के लोगों की भागीदारी रही, इससे पूर्व सुबह से ही कोडमदेसर भैरव मंदिर में दर्शनार्थियों की कतारें रही, दिनभर पूजा-अभिषेक के अनुष्ठान चले, मध्य रात्रि के बाद विशेष शंगार पूजन हुआ, प्रसाद, केक, दही-दूध, शहद के मिश्रण से तैयार पदार्थ से अभिषेक किया, महाआरती की गई।
यहां रही धूम…


शहर में नत्थूसर गेट बाहर स्थित सूरदासाणी बागेची में भैरव बाबा के छप्पन भोग लगाए गए, विशेष शृंगार किया गया। गोकुल सर्किल स्थित शिवशक्ति साधनापीठ में सुबह से ही भैरवनाथ का पूजा-अर्चना का सिलसिला शुरू हुआ, जो देररात तक चला, इस दौरान डेहरू भजनों की प्रस्तुतियां दी, तेलाभिषेक के बाद आरती हुई, भंडारे का प्रसाद किया गया। बारहगुवाड, जीया भवन स्थित राजासर भैरव, तेलीवाडा, मोहता चौक, बिस्सा चौक, धर्मनगर द्वार के समीप, झंवरों का चौक, त्रिपुरा सुन्दरी मंदिर स्थित भैरव, ठंगाल भैरव, कोडमदेसर सहित भैरव मंदिरों में विशेष आयोजन हुए, केक काटे गए गए, महाप्रसादी के आयोजन हुए।
