बीकानेर : पदोन्नति नहीं होने से खफा है इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक, हडताल कर जताया रोष, फूंका पुतला... - Nidar India

बीकानेर : पदोन्नति नहीं होने से खफा है इंजीनियरिंग कॉलेज के शिक्षक, हडताल कर जताया रोष, फूंका पुतला…

बीकानेरNidarIndia.com पदोन्नति की मांग को लेकर ईसीबी के शैक्षिण कार्मिकों में रोष है, यह कार्मिक बीते कई दिनों से आंशिक रूप से कार्य बहिष्कार पर चल रहे हैं। गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया, प्राचार्य का घेराव किया, प्रतीकात्मक रूप से तकनीकी शिक्षा मंत्री और शासन सचिव का पुतला फूंका।

नारेबाजी कर रोष जताया, रेक्टा संगठन के पदाधिकारियों का आरोप है कि तकनीकी शिक्षा विभाग ने अजमेर के दो कॉलेज और बीकानेर के ईसीबी सहित लगभग 230 नियमित व्याख्याता इन कॉलेजों में कार्य कर रहे हैं।इन सभी आन्दोलनरत शिक्षकों की मांगों को दरकिनार कर तकनीकी शिक्षा विभाग ने भेदभावपूर्ण रवैया अपनाते हुए प्रमोशन सहित विभिन्न परिलाभों के पात्र शिक्षकों को छोडकर अजमेर इंजीनियरिंग कॉलेज के एकमात्र शिक्षक के प्रमोशन की प्रक्रिया अपनाई जा रही है।

63 दिनों से है आंदोलनरत…

पांच सूत्रीय मांगों को लेकर इंजीनियरिंग कॉलेज बीकानेर के शिक्षक पिछले 63 दिनों से आंशिक कार्य बहिष्कार पर चल रहे थे, उक्त मांगों का समाधान करना तो दूर तकनीकी शिक्षा विभाग ने आन्दोलन को धत्ता बताते हुए किसी एक व्यक्ति विशेष की पदोन्नति करने का आदेश निकाल इन शिक्षकों के साथ भेदभाव किया है।

लिखा है कुलपति ने पत्र…

इस संबंध में कुलपति ने पत्र भी लिखा है, जिसके जरिए बताया है कि स्क्रुटनी कमेटी का गठन सराहनीय है लेकिन पदोन्नति का लाभ चारों संघटक महाविद्यालय के शिक्षकों को भी दिया जाए, कुलपति ने इसकी प्रति राज्यपाल के प्रमुख सचिव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, और तकनीकी शिक्षा विभगा के प्रमुख सचिव को भी भेजी,

मांगों पर जल्द हो सुनवाई…

रेक्टा संरक्षक ओम प्रकाश जाखड ने बताया कि उक्त मांगे जायज हैं और राजास्थान सरकार को सुनवाई जल्दी करनी चाहिए। रेक्टा सचिव राजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि राजनैतिक रसुखात रखने वाले परिवार से व्यक्ति विशेष ताल्लुक रखता है जिसके दबाव में तकनीकी शिक्षा विभाग ने पदोन्नति करने का आदेश निकला है, सरकार के इन्ही भेदभावपूर्ण आचरण और राजनैतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले लोगों का काम गुपचुप कर देने से मजबूरन शिक्षकों को उच्च न्यायालय की शरण लेनी पडती है जिससे सरकार, महाविद्यालय, विश्विद्यालय और स्वयं शिक्षकों पर भी नाजायज आर्थिक भार पडता है और बेशकीमती समय का भी नुकसान होता है,

इस अवसर पर डॉ नवीन शर्मा, डॉ धर्मेंद्र, डॉ अवधेश, डॉ.विकास शर्मा, डॉ नरपत सिंह, डॉ गरिमा प्रजापत, डॉ जितेंद्र जैन, मनोज छींपा, डॉ.राधा माथुर, सहित सभी शिक्षक शामिल रहे।

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