बीकानेरNidarIndia.com कोराना काल के बाद इस साल पूर्वांचल के प्रवासियों में छठ पूजा महापर्व को लेकर काफी उत्साह है। आस्थावान लोगों के घरों में पर्व को लेकर तैयारियां चल रही है।




बीकानेर में रहने वाले प्रवासी इस पर्व को देवीकुंड सागर पर मनाएंगे, यहां पर श्री सरस्वती पूजा समिति के तत्वावधान में छठ पूजा महापर्व का आयोजन होगा।
इसको लेकर गुरुवार को देवीकुंड सागर के किनारे समिति की एक बैठक रखी गई, इसमें अलग-अलग जिम्मवारियां सौंपी गई। सचिव डॉ.आरपी सिंह ने ‘निडर इंडिया’ को बताया कि परिवार में सुख, समद्धि, धन-धान्य, स्वास्थ्य की कामना को लेकर छठ मैया की पूजा की जाती है, इसमें घुटनों तक पानी में खडे होकर डूबते सूर्य को अध्र्य दिया जाता है, महिलाएं भगवान सूर्य देव की पूजा करती है, उन्हें फल, वस्त्र इत्यादि भेंट करती है।
28 से शुरू होंगे कार्यक्रम…


समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि छठ पूजा पर्व को लेकर 28 से 31 अक्टूबर कार्यक्रम चलेंगे । पहले दिन शुक्रवार को नहायखाय होगा, इसमें पवित्र जल से शुद्धिकरण करने के बाद लौंकी की सब्जी और कच्चा चावल का सेवन किया जाता है, इसके अगले दिन 29अक्टूबर को खरना होगा, इस दिन गुड का खीर बनाकर उसे सभी आसपास पडौस में वितरित किया जाएगा, इसके बाद उसका प्रसाद ग्रहण किया जाएगा, वहीं 30 अक्टूबर को मुख्य पूजा होगी, इसमें उपवास धारण करने वाली सभी महिलाएं देवीकुंंड सागर में पानी में खडे होकर डूबते सूर्य की पूजा करेगी, सूर्य को अघ्र्य देंगी, इस दौरान तालाब के घाटों पर सजावट की जाएगी, पूजन आरती के दौरान आतिशबाजी होगी। वहीं महापर्व के उपवास का समापन 31 अक्टूबर सुबह देवीकुंड सागर पर ही होगा । जब महिलाएं उगते सूर्य को अध्र्य देकर अपने उपवास का पारना करेगी ।
बीकानेर में है पांच सौ अधिक घर-परिवार
समिति के सचिव आरपी सिंह के अनुसार इस पर्व को उत्तर प्रदेश के पूर्व क्षेत्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल के पश्चिमी हिस्से, झारखंड, आसाम के कुछ क्षेत्र के लोग मनाते हैं, बीकानेर में वहां के प्रवासी उसे परम्परागत रूप से मनाते है। बीकानेर में पूर्वांचल के प्रवासी करीब पांच सौ लोग तो स्थायी रूप से घर बनाकर रह रहे हैं । कुछ यहां रोजगार करते है, कुछ सरकारी दफ्तरों में है, ऐसे में पूजा के मुख्य समारोह में बडी संख्या में प्रवासी एकत्रित होंगे । बैठक में एके सिंह, बीआरके रंजन, विनोद कुमार झा, वीरेन्द्र पासवान, गोपाल सहित समिति के सदस्यों ने विचार रखें।
