आस्था : खंडग्रास सूर्य ग्रहण आज, बीकानेर में 1 घंटा 28 मिनट तक रहेगा स्पर्श, किन शहरों में नहीं होगा प्रभावी, गोवर्धन पूजा कब करें, बता रहे पंडि़त राजेन्द्र किराड़ू, देखें पूरी खबर... - Nidar India

आस्था : खंडग्रास सूर्य ग्रहण आज, बीकानेर में 1 घंटा 28 मिनट तक रहेगा स्पर्श, किन शहरों में नहीं होगा प्रभावी, गोवर्धन पूजा कब करें, बता रहे पंडि़त राजेन्द्र किराड़ू, देखें पूरी खबर…

बीकानेरNidarIndia.com खंडग्रास सूर्यग्रहण आज रहेगा।देश में जहां इस ग्रहण का स्पर्श दोपहर २:२८ बजे से शुरू होकर ६:३२ तक रहेगा, वहीं बीकानेर में इसकी समय अवधि 1 घंटा 28 मिनिट ही रहेगी। पंचागकर्ता, पंडि़त राजेन्द्र किराड़ू ने ‘निडर इंडिया’ को बताया कि बीकानेर इस ग्रहण का स्पर्श 4:27 बजे से शुरू होगा, इसका मोक्ष शाम 5:55 बजे होगा। बीकानेर में ग्रहण का कुल समय 1:28 मिनट ही रहेगा, जबकि इसका सूतक काल बीकानेर में अल सुबह 4:27 से शुरू हो गया है।

यहां रहेगा प्रभावी…

यह सूर्य ग्रहण भारत सहित ग्रीनलैंड के पूर्व, स्वीडन,नॉर्वे, युनाईटेड किंगडम, फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, यमन, ओमान, सउदी अरेबिया, इजिप्ट, इरान, पौलेण्ड, रोमानिया, ऑस्ट्रिया, ग्रीस, टर्की, ईराक, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उत्तरी एवं पश्चिमी, श्रीलंका, मॉस्को, पश्चिमी रूस, नेपाल, भूटान आदि में यह ग्रहण दिखाई देगा।

भारत के इन शहरों में ग्रहण नहीं होगा प्रभावी…

किराडू के अनुसार ग्रहण देश के कई शहरों प्रभावी नहीं होगा, इसमें मुख्य रूप से आसाम, गुवाहाटी, मणिपुर, त्रिपुरा, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश आदि में ग्रहण नहीं दिखेगा, ऐसे में यहां पर किसी भी प्रकार का सूतक, यम, नियम पालन करनी की आवश्यकता नहीं होगी।

देखें राशियों पर शुभ-अशुभ फल…

पंडि़त राजेन्द्र किराड़ू के अनुसार यह ग्रहण कई राशियों के जातकों के लिए अशुभ तो कइयों के लिए शुभ भी रहेगा। यह ग्रहण मेष, मिथुन, कन्या, कुम्भ के लिए सामान्य मध्यम रहेगा, वहीं व्षभ, सिंह, धनु, मकर के लिए शुभ सुखद और कर्क, तुला, वश्चिक, मीन के लिए नेष्ठ अशुभ है।

गोवर्धन पूजा कल मनाई जाएगी…

दीपावली के अगले दिन सुबह गोवर्धन पूजा का विधान है, लेकिन इस बार ग्रहण के चलते गोवर्धन पूजा बुधवार को मनाई जाएगी। पंडि़त राजेन्द्र किराड़ू गोवर्धन पूजा कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को होती है, इस बार प्रतिपदा बुधवार को है। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान कष्ण ने इंद्र देव के अंहकार को खत्म करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी अंगुली पर उठा लिया और ब्रजवासियों को इंद्र के कोप से बचा लिया था, इसके बाद से ही यह पर्व शुरू हो गया था, मथुरा सहित पूरे ब्रज में इसका खास महत्व है

by-Ramesh Bissa

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