बीकानेरNidarIndia.com लोक नाट्य तुर्रा किलंगी की दमदार प्रस्तुति पर शुक्रवार को टीएम ऑडिटोरियम में बैठे दर्शकों ने कलाकारों का जमकर उत्साहवर्धन किया। प्रभावी अभिनय के दम पर कलाकारों ने दाद बटौरी। नाट्य प्रस्तुति में कौमी एकता का संदेश भी दिया गया।



मौका था ‘बीकानेर थिएटर फेस्टिवल’ के आगाज का। पहले दिन टीएम ऑडिटोरियम में चित्तौडग़ढ़ के नारायण शर्मा का लोक नाटक तुर्रा कलंगी मंचित हुआ। इसमें नारायण जोशी और उस्मान हुसैन ने मुख्य भूमिका निभाई। ऑर्गन पर कन्हैया लाल, ढोलक पर हरि भाई और हरमोनियम पर भैरूं भाई ने संगत की। सत्यनारायण मोठिया, सत्य नारायण मकवाना, भगवती लाल, ओंकार वैष्णव और दुर्गेश मेवाड़ी ने मंचन में भागीदारी निभाई। लोकनाट्य की प्रस्तुति को दर्शकों ने भरपूर सराहा। यह मेवाड़ और मध्यप्रदेश के मालवा क्षेत्र में लोकप्रिय है। इस दौरान फिल्मी गीतों की तर्ज पर लावणी, मांड और गजल की धुनों ने दर्शकों का मन मोह लिया। इस लोक नाट्य ने कौमी एकता का संदेश दिया।
इसी प्रकार गोपेश्वर विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने अमित तिवारी की ओर से निर्देशित नुक्कड़ नाटक ‘प्लेटफार्म नंबर 8Óऔर ‘जल ही जीवन है’ का मंचन हुआ। इससे पहले हंशा गेस्ट हाउस में उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। कार्यक्रम में राजस्थान राज्य मेला प्राधिकरण के उपाध्यक्ष रमेश बोराणा, राजस्थान संगीत नाटक अकादमी के अध्यक्ष लक्ष्मण व्यास, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नंद किशोर आचार्य, केन्द्रीय संगीत नाटक अकादमी के सदस्य मधु आचार्य और संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन थे।
अतिथियों ने कला को सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं बल्कि इसे व्यक्तित्व को समग्र रूप से निखारने का माध्यम बताया। वक्ताओं ने कहा कि बीकानेर में हो रहे थिएटर फेस्टिवल से जन-जन को रंगमंच से जोड़ा जा सकेगा। उन्होंने बीकानेर की रंग परम्परा के बारे में बताया तथा इसकी दिशा एवं दशा पर अपने विचार रखे।

आयोजन समिति सदस्य हंसराज डागा ने पांच दिवसीय फेस्टिवल की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। सुरेन्द्र धारणिया ने आभार जताया। रंगकर्मी विपिन पुरोहित ने सरस्वती वंदना की प्रस्तुति दी। इस दौरान अतिथियों ने श्रीवल्लभ पुरोहित की आर्ट गैलरी, फोटोग्राफर मनीष पारीक की ओर से फेस्टिवल के छह संस्करणों के दौरान लिए गए सौ चित्रों तथा गायत्री प्रकाशन की पुस्तक दीर्घा का उद्घाटन भी किया। कार्यक्रम का संचालन संजय पुरोहित ने किया।
फेस्टिवल के कार्यक्रमों की श्रृंखला में चार दिवसीय अभिनय कार्यशाला शनिवार सुबह 8 से 9:30 बजे तक होटल मिलेनियम में होगी। इस दौरान जोधपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण व्यास और स्वाति व्यास 15 वर्ष से अधिक आयु के प्रशिक्षणार्थियों तथा दिल्ली के अमित तिवाड़ी 15 वर्ष से कम आयु के बच्चों को रंगमंच की बारीकियां सिखाएंगे।
इस दौरान बुलाकी शर्मा, डॉ. अजय जोशी, राजेन्द्र जोशी, अशोक जोशी, आयोजन से जुड़े हिमांशु व्यास, सुनील जोशी, केके रंगा, भरत राजपुरोहित, आमिर हुसैन, मदन मारू सहित अनेक रंगधर्मी मौजूद रहे।
थिएटर फेस्टिवल के तहत शनिवार सुबह 11:30 बजे निर्देशक सुधेश व्यास के नाटक ‘अंतर्नादÓ का मंचन हंशा गेस्ट हाउस में होगा। दोपहर 2 बजे जम्मू के रवीन्द्र शर्मा का ‘दोजखÓ रेलवे ऑडिटोरियम में, शाम 4 बजे चंडीगढ़ के वरुण शर्मा के ‘गगन दमामा बाज्योÓ टाउन हॉल में, सायं 5 बजे दिल्ली के अरविंद सिंह का ‘रुदालीÓ रवीन्द्र रंगमंच और मुंबई के फरीद अहमद का नाटक ‘चंदु की चाचीÓ का टीएम ऑडिटोरियम में मंचन होगा।


