बीकानेरNidarIndia.com पांच साल तक के बच्चों की दस्त से मृत्यु को रोकने और कुपोषण से बचाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने सशक्त दस्त नियंत्रण अभियान शुरू कर दिया है। जिले में ऐसे बच्चों की संख्या लगभग 3 लाख के आसपास है।
शुक्रवार को अभियान के तहत स्वास्थ्य केन्द्रों व आंगनवाड़ी केन्द्रों पर बनाए गए ओआरएस व जिंक कोर्नर का अधिकारीयों व जनप्रतिनिधियों ने उदघाटन किया। जन जागरण के लिए पोस्टर, बैनर व आशा फोल्डर का प्रदर्शन भी किया गया। आशा सहयोगिनियों ने घर-घर ओआरएस के पैकेट व जिंक की गोलियां भी बांटनी शुरू की। ओआरएस-जिंक कॉर्नर पर बच्चों को ओआरएस का जीवन रक्षक घोल पिलाया गया। इस दौरान हाथ धोने के 6 चरणों ‘सुमनके” की सही विधि और एक पैकेट ओआरएस से 1 लीटर घोल बनाने की विधि का प्रदर्शन किया गया।
सीएमएचओ डॉ मो. अबरार पंवार ने बताया कि दस्त जैसी छोटी बीमारी से बीकानेर में एक भी नौनिहाल की मृत्यु ना हो इसके लिए शहर से लेकर गाँव तक ओआरएस व जिंक की सुपर जोड़ी का प्रचार-प्रसार जाना जा रहा है।
डिप्टी सीएमएचओ एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. योगेन्द्र तनेजा ने बताया कि अभियान के दौरान 21 अक्टूबर तक आशा सहयोगिनियाँ प्रतिदिन 5 वर्ष आयु तक के बच्चों वाले घरों में जाकर ओआरएस का पैकेट व जिंक टेबलेट बांटेगी तथा किसी के दस्त से ग्रसित पाए जाने पर जिंक टेबलेट की 14 दिन की खुराक देकर डायरिया, कुपोषण, स्तनपान व हाथों की स्वच्छता जैसे सामान्य दिखने वाले परन्तु गंभीर विषयों पर सूचना-संचार करेगी। डायरिया के प्रबंधन के लिए विशेष रूप से तैयार प्लान ए, बी व सी का भी प्रचार किया जाएगा।
3 या अधिक पतले दस्त लगे तो समझो डायरिया है
डॉ. अबरार ने बताया कि यदि बच्चे को एक दिन में 3 या अधिक पतले दस्त लगते हैं तो उसे डायरिया माना जाएगा और उसे प्रत्येक दस्त के बाद ओआरएस का घोल दिया जाएगा जब तक कि दस्त बंद न हो जाए। 1 लीटर साफ पानी में ओआरएस का एक पूरा पैकेट डालकर घोल बनाया जाता है और उसे 24 घंटे के अन्दर उपयोग करना होता है 2 माह से छोटे बच्चे को 5 चम्मच घोल, 2 माह से 2 साल तक के बच्चे को चैथाई से आधा कप व 2 से 5 साल तक के बच्चे को आधा से एक कप घोल प्रत्येक दस्त के बाद दिया जाना चाहिए। इसी प्रकार 2 से 6 माह तक के बच्चे को आधी गोली जिंक की व 6 माह से 5 साल तक के बच्चे को एक गोली जिंक की प्रतिदिन 14 दिन तक देने से डायरिया बच्चे से दूर ही रहता है।