बीकानेरNidarindia.com कहते है जब मन में किसी काम करने की ठान लें, तो कुछ भी असंभव नहीं होता है। फिर उसमें उम्र आड़े नहीं आती। कुछ ऐसा ही जज्बा लिए इन दिनों पर्वातारोहियों का एक दल नेपाल की बर्फीली पहाडिय़ों पर ट्रैकिंग कर रहा है।
खास बात यह है कि इसमें 50 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की महिलाएं ही है, जिनका नेतृत्व ख्यातिनाम पर्वातारोही बछेन्द्रीपाल कर रही है। हाड गला देने वाली बर्फीली हवाओं और तूफान के बीच में पूरा उत्साह के साथ पदयात्रा करना एक सहासिक कदम है। टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन के तत्वावधान में यह ट्रैकिंग कार्यक्रम तीन माह पूर्व शुरू हुआ था।
फिट फिफ्टी वूमंस ट्रांस हिमालयन एक्सपीडिशन का दल अब नेपाल के फाल्गुनी पास (13000 फीट) जलजला जांगला पास(14912 फीट) डोलफा रीजन के धुले गांव में पहुंचा है। संस्था सचिव आरके शर्मा ने बताया कि लगातार खराब मौसम में भी दल के प्रत्येक सदस्य का हौसला बुलंद है। इस विपरित परिस्थतियों में भी 13000 फीट पर ट्रैकिंग की गई। इसमें बहिन देवराली पास जैसे दर्रे पार करने के बाद दल के सदस्य धुले गांव पहुंचे, जहां कैंप स्थापित किया ।
दल की सदस्य बीकानेर की डॉ.सुषमा बिस्सा ने बताया कि लगातार 9 दिन से पश्चिमी नेपाल के क्षेत्र में संपर्क का कोई साधन नहीं होने के कारण काफी परेशानी उठानी पड़ी। तेज हवाएं व बर्फबारी के कारण दल के सदस्यों को बहुत ही मुश्किल से पदयात्रा करनी पड़ी। लगातार 1100 फीट से चढ़ाई शुरू करने के बाद 15000 तक की ऊंचाई पर बने दर्रे को पार करके वापस 11 -12000 की ऊंचाई पर ही दल को पहुंचना होता है। कल की पदयात्रा 28 किलोमीटर से ज्यादा की थी और ऐसी दुरूह परिस्थिति में लगभग 13 से 14 घंटे की पदयात्रा करने के बाद गंतव्य तक पहुंच पाए हैं, करीब एक सप्ताह के यात्रा के बाद दल के सदस्य भारत सीमा में पहुंचेंगे। जहां से हिमालय की सीमा पर पदयात्रा करते हुए अंतिम पड़ाव लेह तक जाएंगे । इस दल में देश भर की 50 वर्ष से अधिक की आयु की महिलाएं बछेंद्रीपाल के नेतृत्व में बीते 3 महीने से पदयात्रा कर रही हैं।